तजरुबा जो ज़िन्दगी का याद था वो लिख दिया
ज़ेहन ओ दिल में कुछ जमा 'अवसाद' था वो लिख दिया ..........
कांपते लब , आँख नम , कहा मुस्कुराकर 'अलविदा'
एक लम्हा जो बहुत बर्बाद था वो लिख दिया..........
...
कागजों पर कैसे कोई ज़िन्दगी लिखता भला
हाँ मगर जो कुछ तुम्हारे बाद था वो लिख दिया ..............
कम नज़र आती है अब पत्थर उठाने की उम्मीद
सीने में थोडा बहुत 'फौलाद' था , वो लिख दिया ......................
सचिन अग्रवाल
ज़ेहन ओ दिल में कुछ जमा 'अवसाद' था वो लिख दिया ..........
कांपते लब , आँख नम , कहा मुस्कुराकर 'अलविदा'
एक लम्हा जो बहुत बर्बाद था वो लिख दिया..........
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कागजों पर कैसे कोई ज़िन्दगी लिखता भला
हाँ मगर जो कुछ तुम्हारे बाद था वो लिख दिया ..............
कम नज़र आती है अब पत्थर उठाने की उम्मीद
सीने में थोडा बहुत 'फौलाद' था , वो लिख दिया ......................
सचिन अग्रवाल
शनिवार 02/06/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. आपके सुझावों का स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteकम नज़र आती है अब पत्थर उठाने की उम्मीद
ReplyDeleteसीने में थोडा बहुत 'फौलाद' था , वो लिख दिया...
khoob kahi!
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
कम नज़र आती है अब पत्थर उठाने की उम्मीद
ReplyDeleteसीने में थोडा बहुत 'फौलाद' था , वो लिख दिया...
वाह ...बहुत खूब।
बहुत खूब सचिनजी .....
ReplyDeleteकांपते लब , आँख नम , कहा मुस्कुराकर 'अलविदा'
ReplyDeleteएक लम्हा जो बहुत बर्बाद था वो लिख दिया..
जवाब नहीं कोई
बेजोड़
कागजों पर कैसे कोई ज़िन्दगी लिखता भला
ReplyDeleteहाँ मगर जो कुछ तुम्हारे बाद था वो लिख दिया
बहुत खूब.... खूबसूरत गजल...