
दिलों में गर हमारी खुद से गद्दारी नहीं होती
तो हमने जंग कोई जीत कर हारी नहीं होती .....
वो बचपन कितना महंगा था तभी इनको बता देती
तो माँ इन चार बेटो पे कभी भारी नहीं होती......
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यकीनन आज घर में बाप का बिस्तर नहीं होता
अगर ये पेंशन उसकी जो सरकारी नहीं होती......
निकलकर दफ्तरों से बस्तियों का सच नहीं देखा
कभी दम तोडती ये भूख अखबारी नहीं होती........
सचिन अग्रवाल
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